सूरह रहमान मदनी सूरह है इस में 78 आयतें हैं। कुरआन में सूरह रहमान 30वें पारा में 55वीं सूरह है। इस Surah Rahman in Hindi में हमारी रोज़ाना की ज़िन्दगी में आने वाली परेशानी और मुश्किलात का हल मौजूद है।
इस सुरह को सिखाने के लिए एक ही साथ अरबिक हिंदी और इसके तर्जुमा दिया गया है जिसको अरबिक थोड़ा कम समझ में आता है वह हिंदी की मदद ले कर सही से उचारण कर सकता है।
इसी के साथ इसका मेंनिंग भी दिया गया है जो इस कुरान की सुरह को सिखाने भी चार चाँद लगा देगा। बस आपसे गुजारिश है की इसको शुरू से आखिर तक जरुर पढ़े।
और ज्यादा समय नहीं है तो इस पेज को बुकमार्क कर ले और जब भी समय मिले या इन्टरनेट ना हो तो फिर भी आसानी से पढ़ सकते है।
सूरह का नाम सूरह रहमान
पारा नंबर 27 सताईस
आयत 76 या 78 छिहतर या अठत्तर
हर्फ़ 1636 एक हजार छ सौ छत्तीस
कलिमे 351 तीन सौ इक्यावन
रुकूअ 3 तीन
नाज़िल मक्के में हुई
Surah Rahman in Hindi
इस सूरह का शुरुआत अल्लाह के मुबारक नाम रहमान से हुई है। इसलिये इस का नाम सूरह रहमान है।
यहाँ पर सुरह रहमान के अरबी अल्फाज़ के साथ हिंदी में लिखा है जिससे जिसको अरबी थोड़ा या नहीं आती वो भी अरबी अल्फाज़ को पढ़ सकता है, और उसके निचे हिंदी तर्जुमा भी लिखा है, आप हिंदी का तर्जुमा भी पढ़ सकते है।
بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ
الرَّحْمَـٰنُ
1. अर रहमान
वही बेहद महेरबान खुदा है
عَلَّمَ الْقُرْآنَ
2. अल लमल कुरआन
जिसने कुरान की तालीम दी
خَلَقَ الْإِنسَانَ
3. खलक़ल इंसान
उसी ने इंसान को पैदा किया
عَلَّمَهُ الْبَيَانَ
4. अल लमहुल बयान
और उसको बोलना सिखाया
الشَّمْسُ وَالْقَمَرُ بِحُسْبَانٍ
5. अश शम्सु वल कमरू बिहुस्बान
सूरज और चाँद एक ख़ास हिसाब के पाबन्द हैं
وَالنَّجْمُ وَالشَّجَرُ يَسْجُدَانِ
6. वन नज्मु वश शजरू यस्जुदान
तारे और दरख़्त ( पेड़ ) सब सजदे में हैं
وَالسَّمَاءَ رَفَعَهَا وَوَضَعَ الْمِيزَانَ
7. वस समाअ रफ़ाअहा व वदअल मीज़ान
उसी ने आसमान को बलंद किया और तराज़ू क़ायम की
أَلَّا تَطْغَوْا فِي الْمِيزَانِ
8. अल्ला ततगव फिल मीज़ान
ताकि तुम तौलने में कमी बेशी न करो
وَأَقِيمُوا الْوَزْنَ بِالْقِسْطِ وَلَا تُخْسِرُوا الْمِيزَانَ
9. व अक़ीमुल वज्ना बिल किस्ति वला तुख सिरुल मीज़ान
इन्साफ के साथ ठीक ठीक तौलो और तौल में कमी न करो
وَالْأَرْضَ وَضَعَهَا لِلْأَنَامِ
10. वल अरदा वदअहा लिल अनाम
और ज़मीन को उसने मख्लूक़ के लिए बनाया है
فِيهَا فَاكِهَةٌ وَالنَّخْلُ ذَاتُ الْأَكْمَامِ
11. फ़ीहा फाकिहतुव वन नख्लु ज़ातुल अक्माम
जिसमें मेवे और खजूर के दरख़्त हैं, जिनके खोशों पर गिलाफ़ चढ़े हुए हैं
وَالْحَبُّ ذُو الْعَصْفِ وَالرَّيْحَانُ
12. वल हब्बु जुल अस्फि वर रैहान
और जिसमें भूसे वाला अनाज और ख़ुशबूदार फूल होता है
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
13. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
خَلَقَ الْإِنسَانَ مِن صَلْصَالٍ كَالْفَخَّارِ
14. खलक़ल इन्सान मिन सल सालिन कल फख्खार
उसने इंसान को ठीकरे जैसी खनखनाती हुई मिट्टी से पैदा किया
وَخَلَقَ الْجَانَّ مِن مَّارِجٍ مِّن نَّارٍ
15. व खलक़ल जान्ना मिम मारिजिम मिन नार
और जिन्नात को आग के शोले से पैदा फ़रमाया है
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
16. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
رَبُّ الْمَشْرِقَيْنِ وَرَبُّ الْمَغْرِبَيْنِ
17. रब्बुल मश रिकैनि व रब्बुल मगरिबैन
वही दोनों मशरिकों और दोनों मगरिबों का भी रब है
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
18. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
مَرَجَ الْبَحْرَيْنِ يَلْتَقِيَانِ
19. मरजल बह रैनि यल तकियान
उसने दो ऐसे समंदर जारी किये, जो आपस में मिलते हैं
بَيْنَهُمَا بَرْزَخٌ لَّا يَبْغِيَانِ
20. बैनहुमा बरज़खुल ला यब गियान
लेकिन उन दोनों के दरमियान एक रुकावट है कि दोनों एक दुसरे की तरफ़ बढ़ नहीं सकते
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
21. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
يَخْرُجُ مِنْهُمَا اللُّؤْلُؤُ وَالْمَرْجَانُ
22. यख रुजु मिन्हुमल लुअ लूऊ वल मरजान
उन दोनों से बड़े बड़े और छोटे छोटे मोती निकलते हैं
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
23. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
وَلَهُ الْجَوَارِ الْمُنشَآتُ فِي الْبَحْرِ كَالْأَعْلَامِ
24. वलहुल जवारिल मून शआतु फिल बहरि कल अअलाम
और उसी के कब्जे में रवां दवा वो जहाज़ हैं जो समंदर में पहाड़ों की तरह ऊंचे खड़े हैं
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
25. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
كُلُّ مَنْ عَلَيْهَا فَانٍ
26. कुल्लू मन अलैहा फान
जो कुछ भी ज़मीन पर है सब फ़ना होने (मिटने) वाला है
وَيَبْقَىٰ وَجْهُ رَبِّكَ ذُو الْجَلَالِ وَالْإِكْرَامِ
27. व यब्का वज्हु रब्बिका जुल जलालि वल इकराम
और सिर्फ़ आप के रब की ज़ात बाक़ी रहेगी जो बड़ी इज्ज़त व करम व करम वाली होगी
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
28. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
يَسْأَلُهُ مَن فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ كُلَّ يَوْمٍ هُوَ فِي شَأْنٍ
29. यस अलुहू मन फिस समावाति वल अरज़ि कुल्ला यौमिन हुवा फ़ी शअन
आसमानों ज़मीन में जो लोग भी हैं, वो सब उसी से मांगते हैं हर रोज़ उस की एक शान है
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
30. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
سَنَفْرُغُ لَكُمْ أَيُّهَ الثَّقَلَانِ
31. सनफ रुगु लकुम अय्युहस सक़लान
ए इंसान और जिन्नात ! अनक़रीब हम तुम्हारे हिसाबो किताब के लिए फारिग़ हो जायेंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
32. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
يَا مَعْشَرَ الْجِنِّ وَالْإِنسِ إِنِ اسْتَطَعْتُمْ أَن تَنفُذُوا مِنْ أَقْطَارِ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ فَانفُذُوا ۚ لَا تَنفُذُونَ إِلَّا بِسُلْطَانٍ
33. या मअशरल जिन्नि वल इन्सि इनिस त तअतुम अन तन्फुजु मिन अक तारिस सामावती वल अरज़ि फनफुजू ला तन्फुजूना इल्ला बिसुल तान
ए इंसानों और जिन्नातों की जमात ! अगर तुम आसमान और ज़मीन की हदों से निकल भाग सकते हो तो निकल भागो मगर तुम बगैर ज़बरदस्त कुव्वत के नहीं निकल सकते
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
34. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
يُرْسَلُ عَلَيْكُمَا شُوَاظٌ مِّن نَّارٍ وَنُحَاسٌ فَلَا تَنتَصِرَانِ
35. युरसलू अलैकुमा शुवाज़ुम मिन नारिव व नुहासून फला तन तसिरान
तुम पर आग के शोले और धुवां छोड़ा जायेगा फिर तुम मुकाबला नहीं कर सकोगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
36. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
فَإِذَا انشَقَّتِ السَّمَاءُ فَكَانَتْ وَرْدَةً كَالدِّهَانِ
37. फ़इजन शक़ क़तिस समाउ फकानत वर दतन कद दिहान
फिर जब आसमान फट पड़ेगा और तेल की तिलछट की तरह गुलाबी हो जायेगा
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
38. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
فَيَوْمَئِذٍ لَّا يُسْأَلُ عَن ذَنبِهِ إِنسٌ وَلَا جَانٌّ
39. फयौम इज़िल ला युस अलु अन ज़मबिही इन्सुव वला जान
फिर उस दिन न किसी इंसान से उस के गुनाह के बारे में पुछा जायेगा न किसी जिन से
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
40. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
يُعْرَفُ الْمُجْرِمُونَ بِسِيمَاهُمْ فَيُؤْخَذُ بِالنَّوَاصِي وَالْأَقْدَامِ
41. युअ रफुल मुजरिमूना बिसीमाहुम फ़युअ खजु बिन नवासी वल अक़दाम
उस दिन गुनाहगार अपने चेहरे से ही पहचान लिए जायेंगे, फिर वो पेशानी के बालों और पांव से पकड़ लिए जायेंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
42. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
هَـٰذِهِ جَهَنَّمُ الَّتِي يُكَذِّبُ بِهَا الْمُجْرِمُونَ
43. हाज़िही जहन्नमुल लती युकज्ज़िबू बिहल मुजरिमून
यही वो जहन्नम है जिसको मुजरिम लोग झुटलाया करते थे
يَطُوفُونَ بَيْنَهَا وَبَيْنَ حَمِيمٍ آنٍ
44. यतूफूना बैनहा व बैन हमीमिन आन
वो दोज़ख़ और खौलते हुए पानी के दरमियान चक्कर लगायेंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
45. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
وَلِمَنْ خَافَ مَقَامَ رَبِّهِ جَنَّتَانِ
46. व लिमन खाफ़ा मक़ामा रब्बिही जन नतान
और जो अपने रब के सामने खड़े होने से डरता था उसके लिए दो जन्नते हैं
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
47. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
ذَوَاتَا أَفْنَانٍ
48. ज़वाता अफ्नान
दोनों बाग़ बहुत सी टहनियों वाले ( घने ) होंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
49. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
فِيهِمَا عَيْنَانِ تَجْرِيَانِ
50. फीहिमा ऐनानि तजरियान
दोनों में दो चश्मे बह रहे होंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
51. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
فِيهِمَا مِن كُلِّ فَاكِهَةٍ زَوْجَانِ
52. फीहिमा मिन कुल्लि फकिहतिन ज़वजान
उन बाग़ों में हर मेवे दो दो किस्मों के होंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
53. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
مُتَّكِئِينَ عَلَىٰ فُرُشٍ بَطَائِنُهَا مِنْ إِسْتَبْرَقٍ ۚ وَجَنَى الْجَنَّتَيْنِ دَانٍ
54. मुततकि ईना अला फुरुशिम बताईनुहा मिन इस्तबरक़ वजनल जन्नतैनी दान
( जन्नती लोग ) ऐसे बिस्तरों पर आराम से तकिया लगाये होंगे जिन के अस्तर दबीज़ रेशम के होंगे और दोनों बाग़ों के फ़ल (क़रीब ही) झुके हुए होंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
55. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
فِيهِنَّ قَاصِرَاتُ الطَّرْفِ لَمْ يَطْمِثْهُنَّ إِنسٌ قَبْلَهُمْ وَلَا جَانٌّ
56. फ़ी हिन्ना कासिरातुत तरफि लम यतमिस हुन्ना इन्सून क़ब्लहुम वला जान
उन में नीची नज़र रखने वाली हूरें होंगी, जिन को उन से पहले न किसी इंसान ने हाथ लगाया होगा न किसी जिन ने
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
57. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
كَأَنَّهُنَّ الْيَاقُوتُ وَالْمَرْجَانُ
58. क अन्न हुन्नल याकूतु वल मरजान
वो हूरें ऐसी होंगी जैसे वो याकूत और मोती हों
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
59. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
هَلْ جَزَاءُ الْإِحْسَانِ إِلَّا الْإِحْسَانُ
60. हल जज़ा उल इहसानि इल्लल इहसान
भला अहसान ( नेक अमल ) का बदला अहसान ( बेहतर अज्र ) के सिवा कुछ और भी हो सकता है
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
61. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
وَمِن دُونِهِمَا جَنَّتَانِ
62. वमिन दूनिहिमा जन नतान
और उन दो बाग़ों के अलावा दो और बाग़ भी होंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
63. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
مُدْهَامَّتَانِ
64. मुद हाम मतान
जो दोनों गहरे सब्ज़ रंग के होंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
65. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
فِيهِمَا عَيْنَانِ نَضَّاخَتَانِ
66. फीहिमा ऐनानि नज्ज़ा खतान
उन दोनों बाग़ों में दो उबलते हुए चश्मे भी होंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
67. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
فِيهِمَا فَاكِهَةٌ وَنَخْلٌ وَرُمَّانٌ
68. फीहिमा फाकिहतुव व नख्लुव वरुम मान
उन में मेवे, खजूर, और अनार होंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
69. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
فِيهِنَّ خَيْرَاتٌ حِسَانٌ
70. फिहिन्ना खैरातुन हिसान
उन में नेक सीरत ख़ूबसूरत औरतें भी होंगी
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
71. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
حُورٌ مَّقْصُورَاتٌ فِي الْخِيَامِ
72. हूरुम मक्सूरातुन फिल खियाम
खेमों में महफूज़ गोरी रंगत वाली हूरें भी होंगी
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
73. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
لَمْ يَطْمِثْهُنَّ إِنسٌ قَبْلَهُمْ وَلَا جَانٌّ
74. लम यत मिस हुन्ना इन्सून क़ब्लहुम वला जान
उन से पहले न किसी इंसान ने हाथ लगाया होगा न किसी जिन ने
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
75. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो ( ए इंसान और जिन्नात ! ) तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
مُتَّكِئِينَ عَلَىٰ رَفْرَفٍ خُضْرٍ وَعَبْقَرِيٍّ حِسَانٍ
76. मुत तकि ईना अला रफ़रफिन खुजरिव व अब्क़रिय यिन हिसान
( जन्नती लोग ) सब्ज़ तकियों और खूबसूरत कालीनों पर टेक लगाये होंगें
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
77. फ़बि अय्यि आलाइ रब्बिकुमा तुकज़ जिबान
तो तुम अपने रब की कौन कौन सी नेअमतों को झुटलाओगे
تَبَارَكَ اسْمُ رَبِّكَ ذِي الْجَلَالِ وَالْإِكْرَامِ
78. तबा रकस्मु रब्बिका ज़िल जलाली वल इकराम
आप के परवरदिगार, जो बड़े जलाल व अज़मत वाले हैं, उन का नाम बड़ा ही बा बरकत है
Surah Rahman In English
Bismillah Hirrahmaan Nirraheem
ArRahmaan
Al lamal Quran
Khalaqal insaa n
Al LMahul Byaan
Ashshamsu walqamru Beehusabaan
Wannamju washshajru Yasjudan
Wassamaa A rafa Ahaa Wa WajaAl Meezan
Alla Tatgau Feelmizaan
Wa Akeemul Waj Na Beelqistee Wa Laa Tukhseerul Meezan
Wa La Arza Waj Ahaa Leel Anam
Feeha Fakihatunw Wannakhlu Zatul Aqmaam
Walhuboo Zul Asfi War Raihaan
Fabi Ayyi Aalaai Rabbikumma Tukazzibaan
Khalaqal Insaa n Meen Salsaleen Qal Fakhkhaar
Wa Khalaqal Jaa N Meem Maarijeem Meen Naar
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Rabbul mashriqayni wa Rabbul Maghribayn
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Ma Razal Bahraynee Yalta Qeeyaan
Baynhuma Bar Jakhul La Yabgiyaan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Yakhruzu Minhumal lu luu Wal Marzaan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Wa Lahool Jawaareel Munsh Aatu Feelbaheer Qal aAlaam
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Qulu Man Alayha Faneenw
Wa Yabka Wajhu Rabbi Ka Zul Jalaalee Wal Ekraam
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
YasAluhu Man feessamawaati Walarzee Qulal Yaumin Hu wa Fee Shaan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Sa Nafrugu Laqum Ayyuhas Qalaan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Ya MaA Sharal Jinni Walinsee Ineesat TaAtum An Tanfuz Meen Aqta Rees samawaati Walarzi Fanfuzu La Tanfuju- n illa Bisultan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Yur Salu Alaykuma Shuwazum Meen Narinw Wa Nuhasun Falaa Tantseeran
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Fa Izna Shakkteessma U Fa Kantu War Datan Kaddihaan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Fa Yauma izeel La YusaAlu Ana Jambeehi Insunw wa La Jaann
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Yu Araful Muzreemuna Bisimaahum FayuA Khuju Beennawaasi Wal Aqdaami
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Haazihee Jahannammulatee Yuqzeebu Bihalu Muzreemun
Yatufu na Baynhaa Wa bayn Hamimeen Aan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Wa lee man Khaaf Maqaa M Rabbihee Janntaan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Jawaataa Afnaan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Feehimaa Aenaani Tajriyaani
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Feehimaa Meen Qulee Fakee Hatin Jaujaan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Muttaqiee na Alaa Furushim Bta Inuha Meen Istab Raqeen Wa janal Jannataini Daan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Feehin na Qasiraatu Tirf Lam Yatmis Hun na insunu Rublahoom wa laa Jann
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Qa Anan Hunlayakutu Wal Marzaan
Fabi Ayyi Aalaai Rabbikumma Tukazzibaan
Hal Jaza-ul Ihsaani illal Ehsan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Wa Min Duniheemaa Jannataan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Mud Haammataani
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Fiheema Aenaani Najja Khataani
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Fiheema Fakihatunw Wannakhlu wa Rumman
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Fihin n Khairaatun Heesaan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Huroom Maksuraatun Feel Khiyaam
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Lam Yaatmeesahun na insu n Qablahum Wa laa Jann
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Muttaqiee na Alaa Rafrafeen Khujreenw wa Abqariyyeen Hisaan
Fabi Ayyi Aalaaai Rabbikumma Tukazzibaan
Tabaa Raqasmu Rabbi Ka Jil Jalalee Wal Ekraam