मुझको भी देखनी है। गार वो जंनत उनकी
मुझको सरकार मदीने मे बुलाया जाए
सब ने देखा उनका रौजा उनकी जाली गुंबद
मुझको भी जलवे हरम के तो दीखाये जाए
मै गूनहगार हूं बदकार सीयाकार भी हु
मुझ नीकमे को भी सरकार नीभाया जाए
ईतनी हीमत कहा कि देखु मै रोजा उनका
मुझको बस खाक मदिने का दिखाया जाए
है सुना ए के गुजरते है जनाजे दर से
मुझको भी दुल्हा बना कर के लेजाया जाए
सब को होगी तलब कौसर की सरे महसर
मुझ को धोवन उनके तलवो का पीलाया जाए
करे फरीयाद ये सहजाद व जाकीर उनसे
मुझको भी नरे जहनुम से बचाया जाए
मुझको भी रहमते दामन मे छुपाया जाए
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Mohammad Wasim
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Zakir Ansari
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