फिरिश्ते नूरी हैं। अल्लाह तआला ने उन को यह ताकृत दी है कि जो शक्ल चाहें बन जायें फिरिश्ते कभी इन्सान की शक्ल बना लेते हैं और कभी दूसरी शक्ल में | अकीदा :- फिरिश्ते वही करते हैं जो अल्लाह का हुक्म होता है। फिरिश्ते अल्लाह के हुक्म के खिलाफ कुछ नहीं करते। न जान दूझ कर,न भूले से और न गलती से। क्यूँकि वह अल्लाह के मासूम बन्दे हैं और हर तरह के सगीरा और कबीरा (छोटे-बड़े) गुनाहों से पाक हैं | अकौदा :- फिरिश्तों के जिम्मे अलग अलग काम हैं। कुछ वह हैं कि जिनके जिम्मे नबियों के पास 'वही'लाने का काम किया गया। कोई पानी बरसाता कोई हवा चलाता है कोई रोजी पहुँचाता है कोई माँ के पेट में बच्चे की सूरतें बनाता है कोई इन्सान के बदन में कमी बेशी करता है. कुछ वह फिरिश्ते हैं जो इन्सान की दुश्मनों से हिफाजत करते हैं। कुछ वह हैं जो अल्लाह व रसूल का जिक करने वालों के मजमे को तलाश करके उस मजमे में हाजिर होते हैं। किसी के मुतअल्लिक इन्सान के आमाल नामा लिखने का काम कुछ वह हैं जो सरकारे रिसालत अलैहिस्सलाम के दरबार में हाजिरी देने का काम करते हैं। किसी के मुतअल्लिक सरकार की बारगाह में मुसलमानों की सलातु सलाम पहुँचाने का काम है। किसी के ज़िम्मे मुर्दों से सवाल करने का काम है कोई रूह कब्ज करता है। कुछ अजाब देने का काम करते हैं। किसी के ज़िम्मे सूर फूँकने का काम है। इनके अलावा और भी बहुत से काम हैं जो फिरिश्ते अन्जाम देते हैं। इसके बावजूद यह फिरिश्ते न तो ' कृदीम हैं और न ख़ालिक्। बल्कि सब मख़लूक हैं। फिरिश्तों को कृुदीम या ख़ालिक मानना क॒फु है। फिरिश्ते न मर्द हैं न औरत। अकीदा :- फिरिश्ते अनगिनत हैं उनकी मिनती वही जाने जिसने उन्हें पैदा किया है और अल्लाह के बताये से उसके प्यारे महबूब जानते हैं वैसे चार फिरिश्ते बहुत मशहूर हैं 4-हजरते जिब्रईल अलैहिस्सलाम 2-हजरते मीकाईल अलैहिस्सलाम 3-हजरते इसराफील अलैहिस्सलाम 4-हज़रते इज़राईल अलैहिस्सलाम यह फिरिश्ते दूसरे सारे फिरिश्तों से अफजल हैं। किसी फिरिश्ते के साथ कोई हल्की सी गुस्ताखी भी कुफ है। जाहिल लोग अपने किसी दुश्मन या ऐसे को देखकर जिस पर गुस्सा आये उसे देखते ही कहते है कि 'मलकूल मौत 'या 'इजराईल'आ गया।. लेकिन उन जाहिलों को ख़बर नहीं कि यह कलिमा कुफ के करीब है। अकीदा :- फिरिश्तों के बारे में यह अकीदा रखना या जुबान से कहना कि फिरिश्तों का वुजूद नहीं है या यह कहना कि फरिश्ता नेकी की कुब॒त का नाम है और इसके सिवा कुछ नहीं यह दोनों बातें कुफ हैं।